हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अय्यामे अज़ाए फातिमा के मौके पर जम्मू-कश्मीर अंजुमन-ए-शरिया शियाओं के तत्वावधान में सेंट्रल इमाम बड़ा बडगाम में शोक समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस अवसर पर संगठन से जुड़े कई केंद्रीय जाकिरों ने मर्सिया का पाठ किया। उन्होंने महानता के विभिन्न पहलुओं का विस्तार से उल्लेख किया।
आगा साहब ने जनाबे सैय्यदा को तपस्या, धर्मपरायणता, उदारता, परोपकारी प्रेम, ईश्वर के रहस्यवाद और धर्म और राष्ट्र के प्रति चिंता को कार्रवाई का सर्वोच्च उदाहरण बताते हुए स्पष्ठ किया कि एक धर्मी इस्लामी समाज के निर्माण के लिए ख़ातूने जन्नत हजरत फातिमा ज़हरा (स.अ.) की भूमिका और कार्रवाई के अलावा कोई उपयोगी कार्य योजना नहीं हो सकती है।
उन्होंने कहा कि फातिमा की जीवनी और उनकी स्थिति की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करके सामाजिक नवाचारों और नैतिक भ्रष्टता को आसानी से मिटाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि फातिमा महिलाओं के कर्तव्यों और अधिकारों के लिए सबसे वाक्पटु प्रवक्ता हैं, जिन्होंने इस्लाम में महिलाओं के अधिकारों को बहाल करने के लिए सबसे कठिन परिस्थितियों का सामना किया और महिलाओं की दुनिया की नेता फातिमा को श्रद्धांजलि की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है, और उनकी जीवनी में यह है कि हमें महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करना चाहिए और इन अधिकारों की पूर्ति के बारे में किसी भी तरह की फुसफुसाहट का शिकार नहीं होना चाहिए।